बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-2 - निर्देशन एवं परामर्श बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-2 - निर्देशन एवं परामर्शसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-2 - निर्देशन एवं परामर्श
प्रश्न- परामर्श की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर -
परामर्श प्रक्रिया
परामर्श - प्रक्रिया में परामर्श से सम्बन्धित कारकों का निश्चित क्रम में घटित होना शामिल होता है। यह प्रक्रिया संक्षिप्त - एक सप्ताह में चार अथवा पाँच सत्र, हरेक सत्र लगभग 30 मिनट के लिए हो सकती है अथवा महीनों तक का भी हो सकता है। घटनाओं का क्रम, परामर्श का गतिशील पक्ष तथा सूचनाएँ इकट्ठी करने तथा निदान का प्रकार तथा सीमाएँ गतिशील केसों में एक-दूसरे से अलग हो सकती हैं, क्योंकि लोगों के स्वभाव, व्यक्तित्व-गुणों, समस्याओं के कारणों तथा उनकी तीक्षणता में काफी भिन्नताएँ हो सकती हैं। प्रायः परामर्श प्रक्रिया में निम्न सोपान शामिल होते हैं-
(1) प्रार्थी का खुद परामर्शदाता के पास सहायता हेतु जाना - किसी उलझन, द्वन्द्व अथवा समस्या की अवस्था में व्यक्ति खुद परामर्शदाता के पास सहायता हेतु जाता है तथा परामर्शदाता उसके लिए कोई तारीख एवं समय तय करता है।
(2) पूर्व - परामर्श सत्र की स्थापना - औपचारिक परामर्श प्रक्रम शुरू करने से पहले परामर्श का एक सत्र तय किया जाता है। इसे पूर्व परामर्श सत्र कहते हैं। यह सत्र प्रार्थी के संबंध में प्रारम्भिक जानकारी प्राप्त करने हेतु रखा जाता है।
(3) सोहार्द्रपूर्ण संबंध की स्थापना एवं समस्या का परिचय - समस्या संबंधी प्राथमिक जानकारी हेतु प्राप्त करने से पहले यह जरूरी होता है कि प्रार्थी से सौहार्द्रपूर्ण संबंध की स्थापना की जाए। इसके लिए परामर्शदाता-सुरक्षित, आपसी मान व विश्वास के वातावरण को तैयार करता है इससे परामर्शदाता तथा प्रार्थी में मनोवैज्ञानिक नजदीकियाँ, सुरक्षा, निष्कपट मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों में बढ़ोत्तरी होती है। प्रार्थी अपनी समस्या की प्राथमिक व्याख्या निःसंकोच होकर करता है तथा परामर्शदाता इसके लिए जरूरी स्थिति एवं वातावरण प्रदान करता है।
(4) समस्या की छानबीन - समस्या के विषय में गहन सूचनाएँ इकट्ठी की जाती हैं। इसके लिए आवश्यक प्रश्नावलियों, परिसूचियों तथा विशेष रूप से साक्षात्कार की व्यवस्था की जाती है। व्यक्ति की समस्या से सम्बन्धित अन्य साधनों से भी सूचनाएँ इकट्ठी करके समस्या के सम्भावित कारणों का विश्लेषण तथा व्याख्या की जाती है। उद्देश्य तय करके समस्या समाधान हेतु सहायक सम्भावित घटकों की पहचान की जाती है।
(5) प्रार्थी को समस्या के घटकों तथा उसके स्वयं के विषय में अवगत कराना - प्रार्थी को उसके खुद के गुणों के विषय में तथा समस्या के सम्भावित कारणों के विषय में जानकारी दी जाती है। इस चरण में समस्या समाधान की प्रस्तुति भी शामिल रहती है। प्रजातांत्रिक तरीके से समस्या के मौलिक आधारों का वार्तालाप किया जाता है। समाधान के विकल्प दर्शाये जाते हैं तथा उनकी व्याख्या की जाती है। परन्तु समस्या समाधान की स्वीकृति तथा उसको अपनाना अथवा न अपनाकर पूरी तरह से प्रार्थी के विवेक पर छोड़ दिया जाता है।
(6) समस्या समाधान की प्रस्तुति - इस स्थिति में समस्या के समाधान का लक्ष्य पूरा किया जाता है। अन्य शब्दों में, प्रत्यक्ष रूप से समस्या का समाधान प्रार्थी के पक्ष में रखा जाता है ऐसी अवधारणा मानी जाती है कि परामर्श-पराक्रम में प्रार्थी के पक्ष सम्बन्ध में सकारात्मक बोध होने पर वह समस्या का वास्तविक कारण पहचान लेता है तथा समस्या समाधान का मान लेता है।
(7) परिणाम का मूल्यांकन - समस्या हेतु प्राप्त परिणाम का मूल्यांकन किया जाता है।
(8) परामर्श संबंध का समापन - प्रार्थी द्वारा समस्या के समाधान की स्वीकृति के पश्चात प्रार्थी तथा परामर्शदाता के बीच परामर्श सम्बन्ध खत्म कर दिया जाता है।
(9) अनुवर्ती सेवा का प्रबन्ध - समस्या समाधान के प्रभाव अथवा प्राप्त परिणाम की सफलता की जाँच हेतु अनुवर्तन की व्यवस्था की जाती है।
(10) अपेक्षित परिवर्तन - परामर्श के परिणामस्वरूप समस्या के समाधान के अलावा प्रार्थी में निम्न परिवर्तन संभव होते हैं -
(i) प्रार्थी में खुद अपने तथा कई समस्याओं संबंधी बोध में बढ़ोत्तरी।
(ii) प्रार्थी के व्यवहार तथा समझ में वांछित परिवर्तन ताकि वह अपने अग्रिम लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।
(iii) नकारात्मक भावनाओं से सकारात्मक भावनाओं का उद्गम। प्रार्थी को अपनी योग्यताओं, क्षमताओं, रुचियों व अभिक्षमताओं की स्पष्ट जानकारी होना।
अपने गुणों तथा अवगुणों से वस्तुनिष्ठ परिचय होना, जानकारी गुणों के विकास हेतु जरूरी स्रोतों एवं प्रविधियों तथा उनके उपयोग सम्बन्धी ज्ञान का संग्रहण करना, ताकि निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति हो सके।
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- प्रश्न- निर्देशन का क्या अर्थ है? निर्देशन की प्रमुख विशेषताओं तथा क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निर्देशन के महत्वपूर्ण उद्देश्य कौन-कौन से हैं? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन के मूल सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन की आवश्यकता से आप क्या समझते हैं? शैक्षिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण से निर्देशन की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- "व्यावसायिक निर्देशन शैक्षिक निर्देशन पर प्रभुत्व रखता है।" स्पष्ट कीजिये एवं इस कथन का औचित्य बताइये।
- प्रश्न- निर्देशन के प्रमुख सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन की आधुनिक प्रवृत्तियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- निर्देशन की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन के विषय क्षेत्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निर्देशन तथा शिक्षा में कौन-कौन से मुख्य अन्तर हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन के कार्य क्या हैं?
- प्रश्न- निर्देशन की प्रकृति का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारत में निदर्शन की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- "समृद्ध भारत के लिये निर्देशन सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता है।" विभिन्न परिप्रेक्ष्य में इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन एवं परामर्श के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक निर्देशन से आप क्या समझते हैं? शैक्षिक निर्देशन की आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक निर्देशन के मुख्य उद्देश्यों तथा शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर शैक्षिक निर्देशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर शैक्षिक निर्देशन के स्वरूपों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत निर्देशन किसे कहते हैं? व्यक्तिगत निर्देशन के स्वरूप एवं महत्त्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर व्यक्तिगत निर्देशन के उद्देश्यों या कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यावसायिक निर्देशन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्त्व और आवश्यकता को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- छात्रों के व्यावसायिक निर्देशन में विद्यालय क्या भूमिका निभा सकता है?
- प्रश्न- "व्यक्तिगत निर्देशन, निर्देशन का मूलाधार है।" इस कथन की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक निर्देशन की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक निर्देशन के प्रमुख सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक और व्यावसायिक निर्देशन में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यावसायिक निर्देशन की शिक्षा के क्षेत्र में क्यों आवश्यकता है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत निर्देशन किसे कहते हैं? इसके मुख्य उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- शैक्षिक निर्देशन के सिद्धान्त क्या है स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक निर्देशन से आप क्या समझते हैं? इसकी उपयोगिता का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सूचना सेवा से आप क्या समझते हैं? सूचना सेवाओं के उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूचना सेवा की कार्य विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नियोजन सेवा से आप क्या समझते हैं? विद्यालय के नियोजन सम्बन्धी कार्यों एवं उत्तरदायित्वों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निर्देशन सेवाओं में कौन-कौन से कर्मचारी भाग लेते हैं? प्रधानाचार्य एवं अध्यापक की निर्देशन सम्बन्धी भूमिका स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन एवं परामर्श में अभिभावक एवं वार्डेन की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किसी विद्यालय के निर्देशन सेवा के संगठन की आधारभूत आवश्यकताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन सेवा में विद्यालय स्तर पर कार्यरत प्रमुख व्यक्तियों की भूमिका का विस्तारपूर्वक उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अनुवर्ती सेवाओं से आप क्या समझते हैं? इसका क्या प्रयोजन है? अध्ययनरत छात्रों के लिए अनुवर्ती सेवाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- छात्र सूचना या वैयक्तिक अनुसूची सेवा से आपका क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूचना सेवा की आवश्यक सामग्री का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- नियोजन सेवा के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परामर्श सेवा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सूचना सेवा कितने प्रकार की होती है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- व्यावसायिक निर्देशन में आवश्यक सूचनाओं को बताइए।
- प्रश्न- व्यक्ति निर्देशन में आवश्यक सूचना को बताइये।
- प्रश्न- भारत में व्यवसाय से सम्बन्धित सूचनाओं के प्रमुख स्रोत क्या हैं?
- प्रश्न- निर्देशन सेवाओं में परिवार की क्या भूमिका होती है?
- प्रश्न- अनुकूलन सेवा से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी आवश्यकता के क्या कारण हैं? स्पष्टतया समझाइये।
- प्रश्न- उपचारात्मक सेवाओं से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अनुवर्ती अध्ययन की समस्याएँ एवं समाधान का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भूतपूर्व छात्रों का अनुवर्ती अध्ययन क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भूतपूर्व छात्रों के अनुवर्ती अध्ययन की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कृत्य विश्लेषण एवं कृत्य संतोष में क्या सम्बन्ध है?
- प्रश्न- विद्यालयों में निर्देशन सेवाओं से आप क्या समझते हैं? विद्यालय निर्देशन- सेवाओं के संगठन के प्रचलित सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- माध्यमिक स्तर पर निर्देशन सेवाओं के संगठन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय निर्देशन सेवा के प्रमुखं कार्य कौन-कौन से हैं? प्राथमिक तथा सैकेण्ड्री स्कूल स्तर पर निर्देशन कार्यक्रम संगठन के उद्देश्यों तथा कार्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालयी निर्देशन सेवाओं के संगठन की मुख्य संकल्पनाएँ क्या हैं? इसकी आवश्यकता व क्षेत्र क्या है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वर्णन कीजिए कि आप एक शिक्षक के रूप में माध्यमिक स्तर पर निर्देशन कार्यक्रम को किस प्रकार से संगठित करेंगे?
- प्रश्न- विद्यालय निर्देशन सेवा द्वारा किये जाने वाले मुख्य कार्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय की निर्देशन संगठन सेवा का क्या अर्थ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय में निर्देशन सेवाओं के सफल संगठन के लिए किन-किन मुख्य बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय में निर्देशन कार्यक्रमों के सफल संचालन हेतु किन-किन कर्मचारियों की आवश्यकता होती है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन सेवाओं के विभिन्न रूपों तथा सिद्धान्तों को संक्षिप्त रूप में बताइए।
- प्रश्न- निर्देशन में मूल्यांकन के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन में मूल्यांकन के सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- परामर्श क्या है? परामर्श के उद्देश्य तथा सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परामर्श क्या है? परामर्श की आवश्यकता तथा महत्व का वर्णन कीजिए। अथवा छात्र परामर्श की आवश्यकता बताइये।
- प्रश्न- परामर्श की प्रक्रिया को समझाइए।
- प्रश्न- एक अच्छे परामर्शदाता के कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परामर्श से आपका क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परामर्श और निर्देशन में कौन-कौन से मुख्य अन्तर पाए जाते हैं? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एक अच्छे परामर्शदाता में कौन-कौन से गुणों का होना आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परामर्श से सम्बन्धित प्रमुख परिभाषाओं को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परामर्श के उद्देश्यों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- "एक परामर्शदाता के लिये समूह गतिशीलता का ज्ञान होना आवश्यक है।" स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- धर्म-परामर्श में सह-सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- व्यक्तिवृत्त-अध्ययन विधि से आप क्या समझते हैं? इसके गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संचित अभिलेख पत्र क्या है? संचित अभिलेख पत्र की विशेषताएँ कौन-कौन सी हैं? इस पत्र की उपयोगिता की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- साक्षात्कार प्रविधि से आप क्या समझते हैं? साक्षात्कार प्रविधि के मुख्य तत्त्वों विशेषताओं एवं उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्धारण मापनी या रेटिंग स्केल से आपका क्या अभिप्राय है? इनकी मुख्य विशेषताओं तथा प्रकारों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- साक्षात्कार प्रविधि के कितने प्रकार हैं? अनिर्देशित साक्षात्कार प्रविधि के लाभ एवं सीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- संचित अभिलेख पत्र के निर्माण के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिवृत्त अध्ययन प्रविधि की सीमाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- साक्षात्कार प्रविधि के गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्रम निर्धारण प्रविधि या निर्धारण मापनी को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- साक्षात्कार विधि के मुख्य उपयोगों के बारे में संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निरीक्षण या अवलोकन के अर्थ तथा परिभाषाओं को संक्षेप में स्पष्ट करें।
- प्रश्न- निरीक्षण या अवलोकन प्रविधि के दोषों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रश्नावली प्रविधि के अर्थ तथा परिभाषाओं को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- क्रम निर्धारण प्रविधि की कमियों या सीमाओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संचयी आलेख का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- परामर्श प्रदान करने की मुख्य प्रविधियाँ कौन-कौन सी हैं? निर्देशीय तथा अनिर्देशीय परामर्श की प्रविधियों की मुख्य धारणाओं, सोपानों तथा लाभ एवं कमियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परामर्श की प्रमुख प्रविधियाँ कौन-कौन सी हैं? निर्देशन और परामर्श में साक्षात्कार प्रविधि क्यों अधिक उपयोगी सिद्ध हुई है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- समन्वित परामर्श से आप क्या समझते हैं? समन्वित परामर्श की मुख्य धारणाओं, लाभों तथा कमियों एवं सीमाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परामर्श क्या है? परामर्श तथा निर्देशन में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन के साधन क्या हैं?
- प्रश्न- निर्देशात्मक परामर्श की प्रमुख विशेषताओं और सीमाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अनिदेशात्मक परामर्श से क्या तात्पर्य है? अनिदेशात्मक परामर्श की मूल धारणाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशीय तथा अनिर्देशीय परामर्श में कौन-कौन से मुख्य अन्तर पाए जाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अनिर्देशीय परामर्श की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अनिर्देशीय परामर्श के मुख्य कार्यों को संक्षेप में बताएँ।
- प्रश्न- समन्वित परामर्श मुख्य चरणों या पदों को संक्षिप्त रूप में स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशीय परामर्श के मुख्य चरण या सोपान कौन-कौन से हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परामर्श के किसी एक उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परामर्शदाता की विशेषताओं, गुणों तथा व्यावसायिक नीतिशास्त्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परामर्शदाता की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परामर्शदाता में किस प्रकार का अनुभव होना आवश्यक है, बताइये।
- प्रश्न- परामर्शदाता का प्रशिक्षण कार्यक्रम बताइये।
- प्रश्न- निर्देशन कार्यक्रम में परामर्शदाता की भूमिका क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परामर्शदाता के व्यक्तित्व सम्बन्धी विशेषकों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- क्रो एवं क्रो के अनुसार परामर्शदाताओं के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परामर्शार्थी और परामर्शदाता के पारस्परिक सम्बन्धों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन एवं परामर्श केन्द्रों की आवश्यकता बताइए तथा निर्देशन केन्द्रों के उद्देश्य भी बताइए।
- प्रश्न- भारत में निर्देशन एवं परामर्श की समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन एवं परामर्श केन्द्रों के कार्य बताइए।
- प्रश्न- निर्देशन एवं परामर्श केन्द्रों की समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि से आप क्या समझते हैं? बुद्धि के प्रकार, विशेषताएँ एवं सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि के मापन से आप क्या समझते हैं? बुद्धि परीक्षणों के प्रकार का वर्जन करते हुए बुद्धिलब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा और निर्देशन में बुद्धि परीक्षणों की उपयोगिता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रुचि क्या है? रुचि की महत्वपूर्ण विशेषताओं और प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति का क्या अर्थ है? अभिवृत्ति परीक्षण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'रुचि आविष्कारिकाएँ' क्या मापन करती हैं? कम से कम दो रुचि आविष्कारिकाओं का नाम बताइए।
- प्रश्न- बुद्धि कितने प्रकार की होती है? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि की मुख्य विशेषताएँ कौन-कौन सी हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि के अर्थ तथा स्वरूप पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- रुचि का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- रुचियों के मुख्य प्रकार कौन-कौन से हैं? संक्षेप में बताइये।
- प्रश्न- निर्देशन एवं परामर्श में रुचि सूचियों के लाभ का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रुचि-सूचियों की कमियां या दोषों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति के वर्गीकरण का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अभिवृत्ति से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतवर्ष में रुचि मापन के कार्यों पर प्रकाश डालिये।.
- प्रश्न- निर्देशन सेवाओं में कौन-कौन से कर्मचारी भाग लेते हैं? प्रधानाचार्य एवं अध्यापक की निर्देशन सम्बन्धी भूमिका की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन एवं परामर्श में अभिभावक एवं वार्डेन की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विशिष्ट बालकों से क्या अभिप्राय है? उनकी क्या विशेषताएँ हैं? पिछड़े बालकों की शिक्षा एवं समायोजन के लिये निर्देशन व परामर्श का एक कार्यक्रम तैयार कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन एवं परामर्श कर्मचारी वर्ग के रूप में प्रधानाचार्य की भूमिका की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विशिष्ट बालकों को निर्देशन व परामर्श देते समय क्या सावधानियाँ रखी जानी चाहिये? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चिकित्सा कर्मचारी किस प्रकार निर्देशन प्रक्रिया में योगदान देते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन प्रक्रिया में शारीरिक शिक्षक के कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन कार्यक्रम में परामर्शदाता की भूमिका क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रधानाचार्य के निर्देशन सम्बन्धी उत्तरदायित्वों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्देशन में शिक्षक की भूमिका क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मनोचिकित्सक की भूमिका बताइये।